Shayari for female best friend
“छुअन एक ख्याल”
दिल को छू जाने वाले उस अल्फाज़ का संग्रह है, जो हर मन को कहीं कहीं अपना सा एहसास करवाते हैं, जो कहीं ना कहीं अपनी ही कहानी को सुनाते हैं ।
अपना सा लगता है हर लफ्ज़, अपना सा लगता है हर अश्क़ जो कहीं पलकों में सिमटकर रह जाता है। मुख मोड़ ना पायेंगे, हर एक लफ्ज़ से, जो अपनी ही कहानी कह जाता है।
Female Shayari Hindi
1
“Chhuan..ek khyal..”
“छुअन… एक ख्याल..”
Shayari for female best friend in Hindi
कई दफ़ा उतारे हैं,कोरे पन्ने पर,अश्क़ों की दास्ताँ
सजाना चाहती हूँ ,हर्फ़ हर्फ़ में पलछिन से वास्ता
Kai dafa utare hai,kore panne par ashqon ki dastan
Sjana chahati hu,harf harf me palchhin se wasta
अल्फाज़ ही आईना बनकर,अक्स दर्शाते हैं मेर
सुकुँ-ए-ज़िंदगी कुछ और नहीं,हर अल्फाज़ है मेर
Alfaz hi aaina bnkar,aks darshate hai mera
Sukun-e-zindagi kuch or nahi,har alfaz hai mera…
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गहरा समंदर है मन मेरा,यूँ छलकता है हर लफ्ज़…
इत्र की महक जैसे,हर पन्ने पर बिखरा हो सुकुँ जैसे…
Gahara samander hai mann mera,yu chhalakata hai har lafz…
Itr ki mahak jaise,har panne par bikhara ho sukun jaise.
रूह के एहसासों को नम कर जाती हूँ ,
ठंडी हवा की छुअन सी छू जाती हूँ मैं !
Ruh ke ehsason ko,nam kar jaati hu ….
Thhandi hawa ki chhuan si chhu jaati hu mai…
कभी ओस ,कभी बारिश की बूँद बनकर,
हर मौसम में अमृत बरसा जाती हूँ मैं !
Kabhi os, kabhi barish ki bund bankar…
Har mausam me amrut barsa jaati hu mai.
चंचल सी खुशबू ,चंदन की पुड़िया हूँ मैं ,
कभी तिलक,कभी सुर्ख माँग बन जाती हूँ मैं !!
Chanchal si khushbu,chandan ki pudiya hu mai…
Kabhi tilak,kabhi surkh maang ban jaati hu mai…!!
Best shayari for female friend
“कशमकश”
हर एक नारी के मन की व्यथा को प्रस्तुत करती है। हर Female shayari status इससे बेहतर नहीं हो सकता।
एक नारी के दिल का हाल, उसकी आँखों से ब्याँ होता है। कभी ज़िंदगी की दास्ताँ ब्याँ होने लगती है जब वो लम्हें पलकों से गुज़रते हैं, बीता हुआ हर एक पल पुकारता है जैसे।
2
“कशमकश”
“KASHAMAKAS
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Shayari for female best friend in Hindi
खोलकर बैठी हूँ मैं,उन लम्हों की किताब
यूँ ही सोचती हूँ कभी, क्या साथ ले जाऊँ
क्या छोड़ जाऊँ,सिमटती यादों के सहरा में
Kholkar baithi hu mai,un lamhon ki kitab
Yu hi sochati hu kabhi,kya saath le jaun.
Kya chhod jaun,simatati yaadon ke sahara me.
कौन अपना है यहाँ, है कौन पराया
ज़िंदगी से हर कोई लगता है, बेगाना यहाँ
क्यूँ पत्थर कर दिया इस बेदर्द वक़्त ने मुझे
Kon apna hai yaha,hai kon paraya
Zindagi se har koi lagta hai,begana yahan
Kyu paththar kar diya,is bedard waqt ne mujhe
फिर भी ज़िंदा है,मासूमियत ,इस दिल में
फिर भी मुस्कुराती है,कोमलता इस मन में
Phir bhi zinda hai,masumiyat is dil me
Phir bhi muskurati hai,komalata is mann me
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ज़रा सी बातों पर आँसू बहा देना
तो कभी अश्क़ों का सूख जाना
Zra si baaton par aansu baha dena
To kabhi ashqon ka sukh jana
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मौत भी सामना ना कर पाई
मेरे हौंसले मेरे भरोसे का
Maut bhi samna na kar pai
Mere haunsale..mere bharose ka
अनगिनत कशमकश में गुजरी
ये ज़िंदगी,मुस्कुराना जानती है फिर
Anginat kashamakash me guzari
Ye zindagi,muskurana janati hai phir bhi
ना सोचा ना समझा बस चलते रहे
ज़िंदगी की राह में मुसाफ़िर बनकर
दिल में तुफाँ,होठों पर हँसी लिये
Na socha,na samjha bs chalate rahe
Zindagi ki rah me, musafir bnkar
Dil me tufan,hothhon pr hnsi liye
ढूंढते रहे हर पल ज़िंदगी का पता
कभी तो कहीं तो मिलेगी
कुछ पल ही सही..!!
Dhundhte rahe har pal zindagi ka pata.k
Kabhi to kahi to milegi
Kuch pal hi sahi…!!